भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आज सुबह की पहली अहम मुलाक़ात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई. मिसरी ने बताया कि इस बैठक को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि ये दोनों नेताओं की एक वर्ष से भी कम समय में दूसरी मुलाक़ात है. पिछली बार उनकी मुलाकात पिछले साल अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए कुछ रणनीतिक दिशानिर्देश तय किए थे और दोनों पक्षों के लिए कुछ ठोस लक्ष्य भी निर्धारित किए थे.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन अपने-अपने घरेलू विकास पर केंद्रित हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार बनना चाहिए. उन्होंने साझा सहमति जताई कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए और स्थिर तथा मित्रतापूर्ण संबंध दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के लिए लाभकारी होंगे.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सहयोग मज़बूत करने के लिए चार सुझाव दिए. जिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए जरूरी है. दोनों नेताओं ने आपसी विकास, व्यापार संतुलन, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही इस बात पर भी सहमति जताई कि भारत और चीन को मिलकर बहुध्रुवीय एशिया के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए.
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