Weight Loss Story: वजन कम करने के लिए लोग खाना-पीना छोड़ देते हैं, घंटे ट्रेडमिल पर दौड़ने लगते हैं, सुबह उठकर खाली पेट अलग-अलग तरीके की ड्रिंक्स पीने लगते हैं. कुछ लोगों को तो फायदा मिल जाता है लेकिन काफी सारे लोग ऐसे भी हैं जिनका वजन कम होने के बाद वापिस से बढ़ जाता है. इसका कारण है उनका वजन कम करने का गलत तरीका और कुछ छोटी-छोटी लाइफस्टाइल हेबिट्स. कुछ समय पहले मैंने 7 दिन में अपना 1.7 किलो वजन कम किया है और इस वजन को कम करने के लिए ना ही मैंने रोटी खानी छोड़ी, ना चावल और ना ही ब्रेड. पेट भरकर खाने के बाद भी मेरा वजन कम कैसे हुआ, इसके लिए मैंने स्मार्ट और साइंटिफिक तरीका अपनाया. और पढ़ें
वेट लॉस के लिए क्या तरीका अपनाया?
साइंस कहता है वजन कम करने का एक ही तरीका है, ‘कैलोरीज इन और कैलोरीज आउट’यानी कि आप कितनी कैलोरीज खाते हैं और कितनी बर्न करते हैं, इसका सही बैलेंस ही आपको वजन कम करने में मदद करता है.मेरी उम्र, हाइट, वजन और एक्टिविटी लेवल के हिसाब से मेरी मेंटनेंस कैलोरीज 2500 थीं. यानी अगर मैं 2500 कैलोरीज ही लेता तो मेरा वजन स्टेबल रहता. अगर इससे अधिक खाता तो मेरा वजन बढ़ता और कम खाता तो वजन कम होता.तो मैंने वही किया. मैंने वजन कम करने के लिए 200 कैलोरीज कम खानी शुरू कीं जिससे मैं 2300 कैलोरीज खा रहा था. 2300 कैलोरीज में मैंने अपना डाइट प्लान बनाया जो इस प्रकार था:
सुबह उठकर 1 लीटर पानी पीता था और उसके बाद 9 बजे 10 ग्राम बादाम, 10 ग्राम काजू, 10 ग्राम अखरोट और 10 ग्राम मिक्स सीड्स खाता था.
ब्रेकफास्ट में 2 होल एग की भुर्जी (10 ग्राम बटर में), 2 एग व्हाइट और 3 ब्रेड खाता था.
लंच में 100 ग्राम आटे की रोटी जिसमें 50 ग्राम गेहूं का आटा और 50 ग्राम सोया चंक को पीसकर बनाया हुआ आटा होता था. इसके साथ ही 60 ग्राम दाल (कच्ची) होती थी जिसे बनाने में 5 ग्राम तेल का उपयोग होता था.
शाम को जिम जाने से पहले 80 ग्राम (कच्चे का वजन) चावल को कुक करके खाता था जो कार्ब का सोर्स है और उससे वर्कआउट के दौरान अच्छी एनर्जी मिलती है.
वर्कआउट के बाद 70 ग्राम खजूर और 1 स्कूप व्हे प्रोटीन लेता था.
रात में 2 होल एग्स और 1 एग व्हाइट खाता था. साथ में थोड़ी सी सलाद लेता था.
कैसा और कितना होता था वर्कआउट?
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मैं रोजाना 1 से डेढ़ घंटे वेट ट्रेनिंग करता था जिसमें रोजाना 2 बॉडी पार्ट को ट्रेन करता था. इनमें 1 मसल्स मेजर होता था और 1 माइनर. पहले दिन बैक-बाइसेर्स, दूसरे दिन चेस्ट-ट्राइसेप्स, तीसरे दिन शोल्डर-हैमस्ट्रिंग, चौथे दिन फिर से बैक-बाइसेप्स, पांचवे दिन चेस्ट-ट्राइसेप्स और छठवें दिन क्वार्ड्स और कॉफ मसल्स को ट्रेन करता था.हफ्ते में जो 2 दिन बैक, चेस्ट, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स मसल्स की ट्रेनिंग करता था, उनमें दोनों दिन अलग-अलग एक्सरसाइज कीं जो मसल्स के अलग-अलग फाइबर्स को ट्रेन करते थे.कार्डियो के लिए वेट ट्रेनिंग के बाद 30 मिनट बेडमिंटन खेलता था. ताकि पैदल स्टेप्स भी हो पाएं और कैलोरीज भी बर्न हो पाएं. रोजाना कम से कम 8 से 9 हजार पैदल स्टेप्स चलता था.अन्य चीजें जिन्होंने वेट लॉस में मदद की
मैं रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद ले रहा था जिससे मसल्स रिकवरी में मदद मिली. इसके साथ ही मैं मल्टीविटामिन और फिश ऑयल सप्लीमेंट ले रहा था जिनके अलग फायदे हैं. रोजाना कम से कम 3.5 लीटर पानी पी रहा था जिससे बॉडी को हाइड्रेट रहने और पेट को भरा रखने में मदद मिल रही थी.
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