पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति को कुछ गलतियों से बचना चाहिए, वरना पूर्वज नाराज हो सकते हैं.



Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का खास महत्व है. इस दौरान लोग अपने पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति और शांति मिलती है. पितृपक्ष के हर दिन तिथि के मुताबिक श्राद्ध किया जाता है. पितृपक्ष में 12 सितंबर को षष्ठी का श्राद्ध किया जाएगा. इस दिन परिवार के उन मृत सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी षष्ठी तिथि को मृत्यु हुई हो. आइए आपको श्राद्ध करने का सही समय और विधि बताते हैं.

षष्ठी श्राद्ध (Shashthi Shradh 2025)

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल पितृपक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ 12 सितंबर को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर होगा. इसका समापन 13 सितंबर को 07 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में इस बार षष्ठी श्राद्ध 12 सितंबर यानी कल किया जाएगा.

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तर्पण का सही समय (Shashthi Shradh Time)

कुतुप मुहूर्त – 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.

रौहिण मुहूर्त – 12 बजकर 42 मिनट से 01 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.

अपराह्न काल – 01 बजकर 32 मिनट से 04 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.

कैसे करें षष्ठी का श्राद्ध

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद जिस स्थान पर पितृ तर्पण करना है, उसे गंगाजल से पवित्र करें. साथ ही, पितरों के लिए भोजन तैयार कराएं. मान्यताओं के अनुसार, भोजन में खीर अवश्य रखें. पितरों के लिए बनाए गए भोजन के 4 ग्रास निकालें, जिसमें से एक हिस्सा गाय, दूसरा कुत्ते, तीसरा कौए और चौथा देव के लिए रख दें. कहते हैं कि इन जीवों को खिलाया गया भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है.

पितृपक्ष में आने वाली तिथियां (Dates of Shradh in Pitru Paksha)

सप्तमी श्राद्ध – शनिवार, 13 सितंबर 2025अष्टमी श्राद्ध – रविवार, 14 सितंबर 2025नवमी श्राद्ध – सोमवार, 15 सितंबर 2025दशमी श्राद्ध – मंगलवार, 16 सितंबर 2025एकादशी श्राद्ध – बुधवार, 17 सितंबर 2025द्वादशी श्राद्ध – गुरुवार, 18 सितंबर 2025त्रयोदशी श्राद्ध – शुक्रवार, 19 सितंबर 2025चतुर्दशी श्राद्ध – शनिवार, 20 सितंबर 2025सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध – रविवार, 21 सितंबर 2025
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