भारत-पाक मैच पर बोलीं रवीना टंडन (Photo: Instagram @officialraveenatandon)



एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. इस मैच को देखने को लेकर हर कोई एक्साइटेड है. पर दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना ये भी है कि भारतीय टीम के ख‍िलाड़‍ियों को एश‍िया कप में पाकिस्तान के ख‍िलाफ नहीं खेलना चाहिए था. पहलगाम हमले के पीड़ितों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. उनका कहना है कि उनके जख्म अभी भी ताजा हैं. उनके आंसू रुके नहीं हैं. 

रवीना टंडन ने कही ये बातइसी बीच रवीना टंडन ने X (पहले ट्विटर) पर अपनी राय इस मुद्दे पर रखी है. उन्होंने लिखा है- उम्मीद करती हूं कि हमारी भारतीय टीम ब्लैक बैंड पहनकर और घुटने टेककर खेलेगी. वो भी जीत से पहले.

So ok the match is on. I hope our team plays with black bands on and takes a knee . Before taking victory .
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) September 14, 2025

बहुत सारे सेलेब्स ने इस भारत-पाक मैच के बारे में कुछ खास बोला नहीं है. पर रवीना एक ऐसी सेलेब हमेशा से रही हैं, जिन्होंने अपनी राय खुलकर सामने रखी है. इसके अलावा एक्टर सुनील शेट्टी ने भी एशिया कप 2025 में होने वाले भारत-पाक मैच पर कहा- यह एक इंटरनेशनल खेल है. आप उनके नियमों में बंधे होते हैं. इंडियन होने के नाते यह हमारा पर्सनल फैसला है कि हमें यह मैच देखना है या नहीं, हमें मैच देखने जाना है या नहीं. यह फैसला इंडिया को लेना है. लेकिन आप क्रिकेटरों को खेलने के लिए दोष नहीं दे सकते.

सुनील शेट्टी, जायेद खान और नाना पाटेकर भी बोलेएक्टर ने आगे कहा, ‘वे खिलाड़ी हैं और उनसे उम्मीद की जाती है कि वे देश का प्रतिनिधित्व करें. मुझे लगता है कि यह फैसला हमें ही कहना होगा. अगर मैं इसे नहीं देखना चाहता तो नहीं देखूंगा. यह आपके ऊपर है कि आपको क्या करना है.’

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एक्टर जायेद खान ने कहा, ‘हमारी टीम काफी मजबूत है. खेल में किसी तरह की राजनीति नहीं देखना चाहिए. भारत 100% एशिया कप जीतेगा. वहीं जब एक्टर से पूछा गया कि क्या ये मैच खेला जाना चाहिए. इस पर उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं? खेल तो खेल है.. जो भी रिश्ते बन सकते हैं, बनने दीजिए.’

सिर्फ इतना ही नहीं, नाना पाटेकर भी बोले- सच कहूं तो मुझे इसपर बोलना नहीं चाहिए. फिर भी अगर आप मेरे से पूछ रहे हैं तो ये मेरी निजी राय है कि भारत को नहीं खेलना चाहिए. मुझे लगता है जब हमारे लोगों का खून बहा है तो हम उनके साथ क्यों खेलें? मेरा मानना है कि मुझे सिर्फ उन्हीं मामलों पर बोलना चाहिए जो मेरे हाथ में हैं.
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