पहाड़ों पर बादल फटने की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं, जो प्रकृति और मानव के बीच असंतुलन का संकेत हैं. मंडी-धराली से कठुआ-किश्तवाड़ तक की तबाही हमें सिखाती है कि हमें प्रकृति के साथ तालमेल बनाना होगा. सरकार और समाज को मिलकर जलवायु परिवर्तन से निपटने और बेहतर तैयारी के लिए कदम उठाने होंगे.
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