ट्रंप को लेकर जेलेंस्की ने कहा, वे असंतुष्ट हैं (File Photo: ITG)



यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस शिखर सम्मेलन में एक वीडियो कॉल के दौरान यूरोपीय नेताओं से रूसी तेल खरीदना बंद करने की गुजारिश की. यह कॉल यूक्रेन की सुरक्षा और जंग खत्म करने की कोशिशों पर चर्चा के साथ हुई.

बैठक के बाद ज़ेलेंस्की ने पत्रकारों से कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप इस बात से बेहद असंतुष्ट हैं कि यूरोप रूस का तेल खरीद रहा है. अन्य देशों के अलावा, दो देश हैं, हम जानते हैं कि ये हंगरी और स्लोवाकिया हैं.”

पेरिस शिखर सम्मेलन यूक्रेन की सुरक्षा और भविष्य की गारंटी पर केंद्रित था, अगर युद्ध को खत्म करने के लिए शांति समझौता हो जाता है, जो अब अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है. बैठक में ट्रंप का प्रतिनिधित्व उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने किया, जिन्होंने ज़ेलेंस्की के साथ एक अलग बैठक भी की.

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हंगरी और स्लोवाकिया को यूरोपीय संघ के तेल प्रतिबंध से छूट

यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के जवाब में 2022 में ज्यातार रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन स्लोवाकिया और हंगरी जैसे देशों को छूट दी गई, जो द्रुज़्बा पाइपलाइन के जरिए रूसी कच्चे तेल पर बहुत अधिक निर्भर हैं. इस छूट का मकसद दोनों देशों को वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था करने का वक्त देना था.

यूक्रेन ने संघर्ष के दौरान द्रुज़्बा पाइपलाइन को बार-बार निशाना बनाया है, जिससे हंगरी और स्लोवाकिया दोनों नाराज़ हैं. दोनों देशों ने यूरोपीय आयोग, यूरोपीय संघ के कार्यकारी निकाय, से इस मार्ग पर यूक्रेन के ‘बार-बार हमलों’ के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है.

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने पिछले महीने कहा था कि उन्होंने पाइपलाइन हमलों के बारे में सीधे ट्रंप से शिकायत की थी. स्लोवाकिया के नेता रॉबर्ट फिको, जो मास्को के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं, शुक्रवार को पश्चिमी यूक्रेन में ज़ेलेंस्की से मिलने वाले हैं. इससे पहले इसी हफ़्ते चीन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से उनकी मुलाक़ात हुई थी.

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ज़ेलेंस्की चाहते हैं और ज्यादा दबाव  

तेल के अलावा, ज़ेलेंस्की ने ज़ोर देकर कहा कि ट्रंप और यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत का मकसद संघर्ष को शांति की ओर ले जाने के तरीके खोजना था. कॉल के बाद ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप के साथ लंबी और विस्तृत बातचीत हुई. हमने आज पेरिस में गठबंधन की बैठक के बाद बात की. यूरोपीय नेताओं ने भी इस कॉल में हिस्सा लिया.”

उन्होंने आगे कहा, “सबसे पहले और सबसे अहम बात, हमने इस बारे में बात की कि स्थिति को वास्तविक शांति की ओर कैसे बढ़ाया जाए. हमने तमाम विकल्पों पर चर्चा की. सबसे महत्वपूर्ण है दबाव, कड़े उपायों, खासकर आर्थिक उपायों का इस्तेमाल करके, जंग को खत्म करने के लिए मजबूर करना.”

ज़ेलेंस्की के मुताबिक, रूस की युद्ध मशीन को संसाधनों से अलग कर देना होगा. उन्होंने कहा, “शांति की कुंजी रूस की युद्ध मशीन को धन और संसाधनों से वंचित करना है. हमने यूक्रेन के आकाश की ज्यादातर सुरक्षा के बारे में भी बात की.”

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युद्ध खत्म करना ‘ज़्यादा मुश्किल’- ट्रंप

इस बीच, ट्रंप ने स्वीकार किया कि युद्ध खत्म करना उम्मीद से ज़्यादा मुश्किल साबित हो रहा है. सीबीएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सच कहूं तो, रूस वाला युद्ध, मुझे लगता था कि मैंने जिन युद्धों को रोका है, उनमें से आसान होता. लेकिन ऐसा लगता है कि यह कुछ अन्य जंगों की तुलना में थोड़ा ज़्यादा मुश्किल है.”

जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने के बाद से, ट्रंप ने खुद को एक शांतिदूत के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है. उन्होंने बार-बार सात संघर्षों को खत्म करने की क्रेडिट ली.

दूसरी तरफ, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ज़ेलेंस्की के साथ मीटिंग की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है. बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पुतिन ने कहा, “मुझे लगता है कि सुरंग के आखिरी में एक रोशनी ज़रूर है. देखते हैं स्थिति कैसे बनती है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमें सैन्य तरीकों से अपना टारगेट हासिल करना होगा.” 
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