पीटर नवारो ने कहा कि टैरिफ के मामले में भारत महाराजा है. (Photo: ITG)



अमेरिका और भारत के संबंधों में तल्खी बरकरार है. अमेरिकी डिप्लोमैट और ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को लेकर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने भारत को रूस का ‘धुलाई मशीन’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि आज से 6 दिन के बाद ही आप देखिएगा कि भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगने जा रहा है. 

पीटर नवारो ने कहा कि ये फालतू की बात है कि भारत को रूसी तेल की जरूरत है. नवारो ने नई दिल्ली पर रिफ़ाइनरी मुनाफ़ाखोरी का आरोप लगाया है और उसे रूसी तेल के लिए “लॉन्ड्रोमैट” (स्व-सेवा लॉन्ड्री) करार दिया है. 

नवारो ने संवाददाताओं से कहा, “यह बकवास है कि भारत को रूसी तेल की ज़रूरत है.” उन्होंने चेतावनी दी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा मास्को से कच्चा तेल खरीदने की सजा के तौर पर भारत पर शुल्क दोगुना करने की 27 अगस्त की समयसीमा बढ़ाने की संभावना नहीं है. 

सम्बंधित ख़बरें

50 परसेंट टैरिफ पर छूट नहीं

नवारो ने कहा, “अब से सिर्फ़ छह दिन बाद, आप देखिएगा मैं देख रहा हूं कि 27 अगस्त को सेकेंडरी टैरिफ लागू होने जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि भारत इस रक्तपात में अपनी भूमिका स्वीकार नहीं करना चाहता. वह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता. भारत शी जिनपिंग के साथ नज़दीकियां बढ़ा रहा है, यही वह कर रहा है.”

भारत रूस के लिए ‘कपड़ा धोने की मशीन’

नवारो ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली कम कीमतों रूस से कच्चा तेल खरीद खरीदकर उसे रिफाइन करके दुनिया भर में प्रीमियम कीमत पर बेचकर क्रेमलिन के लिए कपड़े धोने की मशीन की तरह काम कर रहा है. 

ट्रंप के लंबे समय से सहयोगी रहे पीटर नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनरियां युद्ध को हवा देते हुए पैसा कमा रही हैं. उन्होंने तर्क दिया, “उन्हें तेल की जरूरत नहीं है – यह रिफाइनिंग की मुनाफ़ाखोरी की योजना है.”

पीटर नवारो ने आगे कहा, “भारत हमें सामान बेचकर जो पैसा कमाता है, उससे वह रूसी तेल खरीदता है, जिसे फिर रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाता है और वे वहां खूब पैसा कमाते हैं. लेकिन फिर रूसी इस पैसे का इस्तेमाल और हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं, और इसलिए अमेरिकी करदाताओं को यूक्रेनियों को सैन्य तरीके से और ज़्यादा मदद देनी पड़ती है. यह पागलपन है.”

टैरिफ के मामले में भारत ‘महाराजा’ है

पीटर नवारो ने भारत के टैरिफ को महाराजा बताया. उन्होंने कहा कि, “उनके पास ऊंचे टैरिफ हैं, महाराजा टैरिफ हैं, और ऊंचे गैर-टैरिफ अवरोध हैं. हमारा उनके साथ भारी व्यापार घाटा है, जिससे अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान पहुंचता है. फिर वे हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे से रूसी तेल खरीदते हैं, जिसे रिफाइनर प्रोसेस करते हैं और वहां खूब पैसा कमाते हैं.” 

नवारो ने चुटकी लेते हुए कहा कि “यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है.” उन्होंने अपील की कि भारत को मास्को को आर्थिक लाइफ देना बंद करना चाहिए. 

नवारो ने जोर ने देकर कहा कि, “राष्ट्रपति ट्रंप चेसबोर्ड की इस बिसात को खूबसूरती से देखते हैं. और आप लोगों को इसके बारे में लिखने की जरूरत है.”

डिप्लोमैट पीटर नवारो की ये टिप्पणी तब आई है जब मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने तेल को लेकर अमेरिकी आरोपों का एक-एक कर जवाब दिया है. 

उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे देश हैं जिसे वास्तव में अमेरिकी पिछले कुछ वर्षों से कह रहे हैं कि हमें तेल ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है. भारत के विदेश मंत्री ने अमेरिका को याद दिलाया कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है. न ही भारत रूसी LNG का सबसे बड़ा खरीदार है. बल्कि इस मामले में भारत चीन और यूरोप के बाद खड़ा नजर आता है.”

बता दें कि 27 अगस्त से भारत अमेरिका पर 50 परसेंट का टैरिफ लागू करने वाला है. कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने इसकी घोषणा की थी.  
—- समाप्त —-



Source link