यूपी के हाथरस जिले से अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला सामने आया है. यहां सांप के काटने से हुई 12 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने तीन-चार दिन तक झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के जरिए उसे जिंदा करने की कोशिश की. यह पूरा घटनाक्रम थाना हसायन क्षेत्र के इटरनी गांव का है. सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और आखिरकार शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
जानकारी के मुताबिक, 20 अक्टूबर की रात नरेंद्र कुमार के 12 वर्षीय पुत्र कपिल को सोते समय जहरीले सांप ने काट लिया. परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने कपिल को मृत घोषित कर दिया. इस बीच परिजनों को किसी ने बताया कि स्थानीय बायगीर (झाड़-फूंक करने वाला) सांप के जहर को निकाल सकते हैं और शायद इससे कपिल की सांस लौट आए.
ऐसे में मृतक का शव घर लाने के बाद परिजनों ने स्थानीय बायगीर को बुलाया. बायगीर ने गांव पहुंचकर तंत्र-मंत्र की क्रिया शुरू की, लेकिन सफलता न मिलने पर शव को दफना दिया गया. लेकिन अगले दिन परिजन फिर एक अन्य बायगीर को लेकर आए और कब्र से शव को बाहर निकालकर दोबारा झाड़-फूंक की प्रक्रिया शुरू कराई.
सम्बंधित ख़बरें
चार दिनों तक चला अंधविश्वास का सिलसिला
यह सिलसिला लगातार चार दिनों तक चलता रहा. परिवार ने दूरदराज से अन्य बायगीरों को भी बुलाया, जो मृतक को जिंदा करने का दावा कर रहे थे. जब कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ, तो 24 अक्टूबर को परिजनों ने थाना पुलिस को जानकारी दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी. फिलहाल, घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र मेहनत-मजूदरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है. दो बेटे व दो बेटियों में कपिल सबसे छोटा था. वहीं, इस मामले में डॉक्टर ने कहा कि यदि किसी चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया है तो उसे जिंदा नहीं किया जा सकता. बायगीरों से इलाज न कराएं, सर्पदंश की स्थिति में तत्काल अस्पताल पहुंचे. सीएचसी तक में एंटी वेनम वैक्सीन होती है, जिससे जान बचाई जा सकती है.
—- समाप्त —-
Source link
