दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) की तरफ से महिला कैंडिडेट जोसलिन नंदिता चौधरी खड़ी हुई हैं. भले ही जोसलिन नंदिता चौधरी DUSU चुनाव 2025 में अध्यक्ष पद पर वोटों की गिनती में पीछे चल रही हैं, लेकिन उन्होंने इस बार का मुकाबला बेहद कड़ा बना दिया. 17 साल बाद किसी महिला उम्मीदवार ने इस शीर्ष पद पर लड़ाई लड़ी और नंदिता ने यह साबित कर दिया कि महिला नेतृत्व को कैंपस में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि, अभी फाइनल नतीजे आना बाकी है.
उन्होंने अपने पूरे चुनाव अभियान में महिला सुरक्षा, छात्रावासों की कमी, मासिक धर्म अवकाश जैसी छात्र हित की नीतियों को मुद्दा बनाया और अंतिम समय तक ABVP के आर्यन मान को कड़ी टक्कर दी. मतगणना के दौरान जब ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई गई, तब उन्होंने बेबाकी से अपनी आवाज भी उठाई. हार के बावजूद नंदिता चौधरी आज डीयू कैंपस में महिला नेतृत्व और संघर्ष की नई मिसाल बनकर उभरी हैं.
राजस्थान की रहने वाली हैं नंदिता
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राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली चौधरी एक किसान परिवार से आती हैं. साल 2019 से दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं. उनका अभियान छात्र-केंद्रित मुद्दों पर केंद्रित है, जिनमें छात्रावासों की कमी, अधिक पढ़ने के स्थानों की मांग, साफ़-सुथरे शौचालय, परिसर की सुरक्षा और 12 दिनों की मासिक धर्म अवकाश नीति शामिल हैं. उन्होंने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को लेकर भी चिंता जताई है, जिसके बारे में उनका कहना है कि इससे कक्षाओं और छात्रावासों पर दबाव बढ़ गया है.
यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई
जोसलिन ने कहा है कि वे कैंपस को ज्यादा समावेशी और छात्र-हितैषी बनाने के लिए काम करेंगे. उनके एजेंडे में महिला सुरक्षा, यौन उत्पीड़न के खिलाफ GSCASH समिति को मज़बूत करना और विश्वविद्यालय की सुविधाओं में सुधार करना शामिल है. उन्होंने धन और बाहुबल के प्रयोग के प्रति अपने विरोध पर जोर देते हुए कहा कि “महिला उम्मीदवार के लिए प्रत्येक वोट अपने आप में बाहुबल की हार है.”
मतगणना आज 19 सितंबर, 2025 को सुबह 8:30 बजे से शुरू हुई थी. दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर स्थित यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स स्टेडियम के मल्टीपर्पज हॉल में संपन्न हुई है. इस साल DUSU चुनाव 2025 में 39.45 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें गुरुवार, 18 सितंबर को 1.55 लाख से अधिक छात्रों ने मतदान किया. 52 केंद्रों पर 195 बूथों पर दो सत्रों (सुबह और शाम) में मतदान हुआ, जिसमें दिन में पढ़ने वाले और शाम को कॉलेज जाने वाले छात्रों के लिए मतदान हुआ.
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