दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े फर्जी वीजा रैकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी खुद को एक मल्टीनेशनल कंपनी के कर्मचारी बताकर विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले लोगों को शिकार बनाते थे. उनसे लाखों रुपए ऐंठ लेते थे. ये गिरोह ने जाली वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट और अमेरिकी नंबर का इस्तेमाल कर लोगों का भरोसा जीत लिया करता था.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों की पहचान दीपक पांडे (33), यश सिंह (23) और वसीम अकरम (25) के रूप में हुई है. पुलिस ने 9 सितंबर को दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को दबोच लिया था. यह मामला तब सामने आया जब वीएफएस ग्लोबल नामक मल्टीनेशनल आउटसोर्सिंग कंपनी ने पुलिस को फर्जीवाड़े के बारे में शिकायत दी.
कंपनी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उसके नाम और लोगो का इस्तेमाल करके उसके कर्मचारियों की तरह पेश आ रहे हैं. वीजा आवेदकों को ठग रहे हैं. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने साल 2021 में एक वेबसाइट का डोमेन खरीदा था. उन्होंने अपनी वेबसाइट में नेहरू प्लेस और जनकपुरी का पता दिया, ताकि लोगों को लगे कि उनकी कंपनी असली है. उन्होंने वीएफएस ग्लोबल की ब्रांड का भी इस्तेमाल किया.
🚨🌐 CR, CRIME BRANCH, DELHI BUSTED FAKE VISA RACKET! 🌐🚨The team in a successful operation nabs 3 fraudsters who were cheating people by posing as VFS Global employees 🕵️♂️✈️🔹 Fake website & USA WhatsApp no. used to dupe job seekers.🔹 Laptops, phones & forged docs seized… pic.twitter.com/qC4azsfen9
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— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) September 14, 2025
डीसीपी ने बताया कि गिरोह का तरीका बेहद शातिर था. सबसे पहले वे सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए पीड़ितों को दस्तावेजों की सूची भेजते थे, जिससे उन्हें लगता था कि यह प्रक्रिया पूरी तरह वैध है. इसके बाद मेडिकल टेस्ट के नाम पर पैसे लिए जाते थे. कई मामलों में तो असली डायग्नोस्टिक सेंटर में अपॉइंटमेंट तक बुक कराया जाता, ताकि लोगों का भरोसा पुख्ता हो जाए. इस तरह लोग उनकी जाल में फंस जाते.
इसके बाद लोगों से पैसे वसूलने के बाद गिरोह उनको फर्जी वर्क वीजा और जॉब से जुड़े नकली दस्तावेज भेज देता था. अंतिम चरण में फर्जी आव्रजन अनुमोदन, कर दस्तावेज और पुलिस मंजूरी आवेदन पत्र भी दिखाए जाते थे. इनके नाम पर लोगों से फिर से पैसे लिए जाते. इस तरह पीड़ितों को परामर्श शुल्क, वीजा आवेदन शुल्क, मेडिकल टेस्ट और अपॉइंटमेंट बुकिंग के नाम पर लाखों रुपए गंवाने पड़ते.
Team of Central Range, @CrimeBranchDP, busted racket targeting foreign job seekers, three accused persons impersonating VISA consultants & VFS Global officials arrested.Gang used a fake website, USA-based WhatsApp numbers & forged documents to cheat victims.Mobile phones,… pic.twitter.com/pKFR1vTHlp
— Delhi Police (@DelhiPolice) September 14, 2025
सभी लोगों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि वे वीएफएस ग्लोबल के अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ काम कर रहे हैं. शिकायतकर्ताओं में से एक अतुल कुमार टाकले से इस गिरोह ने करीब 3.16 लाख रुपए ठगे थे. जांच के दौरान कई अन्य पीड़ितों की पहचान की गई है, जिनमें विदेशी नौकरी की तलाश करने वाले लोग भी शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों, ईमेल, आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबरों का पता लगाया.
इसके बाद सामने आया कि गिरोह के लोग अमेरिकी नंबरों और नकली ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते थे. तकनीकी उपकरणों की मदद से अपने वास्तविक नाम, पहचान और स्थान को छिपा लेते थे. जमरूदपुर में हुई छापेमारी के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल फोन, जाली दस्तावेज, दस्तावेज बनाने वाले सॉफ्वेयर और धोखाधड़ी वाले लेन-देन से जुड़े बैंक खातों को जब्त किया है. इस रैकेट की विस्तृत जांच जारी है.
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