नेपाल में नई सरकार बनते ही असंतोष और बगावत की आवाज सुनने को मिल रही है. सरकार में शामिल हो रहे नए मंत्रियों को लेकर युवाओं में नाराजगी देखने को मिल रही है. नेपाल के Gen-Z आंदोलन के नायकों में शुमार रहे सुदन गुरुंग ने PM सुशीला कार्की के खिलाफ सख्त शब्दों का करते हुए कहा कि, ‘जिसको मैं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा कर आया हूं उसको बाहर निकलने में मुझे अधिक समय नहीं लगेगा’.
सुदन गुरंग के संगठन हामी नेपाल ने इस आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई और युवाओं को संगठित करने में अहम रोल निभाया. लेकिन सुदन गुरुंग अब सुशीला कार्की से नाराज दिख रहे हैं. सुदन गुरुंग इस आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिजनों की मुलाकात पीएम से कराने के लिए दो बार प्रयासरत हुए, लेकिन शहीदों के परिजन पीएम से नहीं मिल पाए.
इसके अलावा सरकार में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की चयन प्रक्रिया से खुद को साइडलाइन किए जाने की नाराजगी भी सुदन के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है.
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कल रात भर प्रधानमंत्री के सरकारी आवास के बाहर हंगामे की वजह से सुशीला कार्की मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों का नाम तय नहीं हो पा रहा है.
बलुवाटार में मृतक के परिजन कल हंगामा करते नजर आए तो कुछ Gen-Z समूह ने सुशीला कार्की के इस्तीफे की मांग कर दी.
इस बीच आज पीएम सुशीला कार्की मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है. इस दौरान तीन मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी.
सुशीला कार्की की तरफ से कई मंत्रियों का नाम फाइनल होने के बाद भी आज सिर्फ तीन मंत्रियों का शपथग्रहण कराए जाने की जानकारी दी गई है. शीतल निवास से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब तक सिर्फ तीन मंत्रियों को शपथ दिलाने की सिफारिश प्रधानमंत्री के तरफ से की गई है.
आज जिन मंत्रियों को शपथ दिलाया जा रहा है उनमें ओमप्रकाश अर्याल, रामेश्वर खनाल और कुलमान घीसिंग शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार ओमप्रकाश अर्याल को गृह मंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके अलावा उन्हें न्याय मंत्रालय भी दिया जा सकता है. इसी तरह पूर्व वित्त सचिव रामेश्वर खनाल को वित्त मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है. जबकि कुलमान घीसिंग को ऊर्जा मंत्रालय के साथ ही कुछ और मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
पीएम सुशीला कार्की के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि जिस ओम प्रकाश अर्याल को गृहमंत्री बनाया जा रहा है उनको तो उन्होंने वार्ता करने के लिए भेजा था लेकिन वह तोल-मोलकर खुद मंत्री बन गए.
इन प्रदर्शनकारियों ने हामी नेपाली समूह के अध्यक्ष सुदन गुरुंग को भी घेर कर रखा. और उन्हें पीएम आवास में जाने नहीं दिया. इसके बाद सुदन गुरुंग की नाराजगी सामने आई है.
सुदन गुरुंग ने कहा कि मैं जिसको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा कर आया हूं उसको बाहर निकलने में मुझे अधिक समय नहीं लगेगा.दरअसल गुरुंग बार-बार मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने का प्रयास करते रहे पर यह संभव नहीं हो पाया.
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