अमेरिका से तनाव के बीच भारत और चीन के रिश्तों में नरमी आ रही है. दोनों देश करीब आ रहे हैं और इसका सबूत दोनों तरफ से हो रहे आधिकारिक दौरे हैं. हालिया दौरा चीन की तरफ से हो रहा है जिसमें चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आए हैं. भारत-चीन रिश्तों में चीन का सदाबहार दोस्त और भारत का दुश्मन माना जाने वाला पाकिस्तान एक बड़ा फैक्टर है. इस फैक्टर को लेकर चीन से सवाल हो रहे हैं जिस पर चीन का कहना है कि अगर दोनों देशों की इच्छा हुई तो वो मध्यस्थता के लिए तैयार है.
दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से मंगलवार को पूछा गया कि भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण इतिहास और वर्तमान को देखते हुए चीन आने वाले समय में दोनों देशों के बीच कैसे तालमेल बिठाएगा.
जवाब में माओ निंग ने कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से देखें तो, चूंकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं, चीन दोनों के साथ दोस्ताना और सहयोग का संबंध विकसित करने का इच्छुक है.’
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चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘चीन को उम्मीद है कि दोनों देश एक उचित समाधान निकाल पाएंगे. चीन दोनों पक्षों की इच्छा के आधार पर इस प्रक्रिया में सकारात्मक भूमिका निभाने को तैयार है.’
भारत आए चीनी विदेश मंत्री, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर हैं. वांग यी का भारत दौरा भारत-चीन संबंधों में आती नरमी की संकेत है. सोमवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर आए यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लिए यह जरूरी है कि वे सही रणनीतिक धारणा रखें, एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरे के बजाय साझेदार और अवसर के रूप में देखें और अपने बहुमूल्य संसाधनों का निवेश विकास में करें.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को क्षेत्र के पड़ोसी देशों के बीच आपसी सम्मान और विश्वास के साथ सह-अस्तित्व, साझा विकास और सहयोग के लिए सही तरीके तलाशने चाहिए.
वांग ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है और इस बीच एकतरफा तरीके से धमकाने का ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है जो कि अब नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मानवता विश्व की भविष्य की दिशा तय करने के लिए अहम चौराहे पर पहुंच गई है.
चीनी विदेश मंत्री मुख्य तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (SR) वार्ता के के लिए भारत आए हैं. डोभाल और वांग दोनों ही सीमा वार्ता सिस्टम के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं. मंगलवार को दोनों की मुलाकात हो रही है जिसके बाद चीनी विदेश मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.
यह बैठक प्रधानमंत्री मोदी की इस महीने के अंत में होने वाले चीन दौरे से पहले हो रही है. पीएम मोदी तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे.
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