इमरान सरकार के फैसले में बुशरा बीबी का हस्तक्षेप होने का दावा किया जा रहा है. (File Photo)



पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर तूफान मची है और इस बार वजह हैं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी. द इकोनॉमिस्ट में छपी एक विस्तृत रिपोर्ट ने दावा किया है कि बुशरा बीबी ने न सिर्फ इमरान खान पर अपने “आध्यात्मिक” प्रभाव का इस्तेमाल किया, बल्कि सरकार के कई बड़े फैसलों में भी अहम भूमिका निभाई. और पढ़ें

रिपोर्ट का शीर्षक ‘रहस्यवादी, क्रिकेटर और जासूस: पाकिस्तान का राजगद्दी का खेल’ में कहा गया है कि 2018 से 2022 के बीच पीएम रहने के दौरान इमरान खान कई फैसले बुशरा बीबी की आध्यात्मिक सलाह या ‘ड्रीम्स’ के आधार पर लेते थे. रिपोर्ट में आरोप है कि बुशरा बीबी ने काला जादू और धार्मिक विश्वासों के जरिए इमरान खान पर प्रभाव जमाए रखा और कई बार ISI से मिली जानकारी को “रूहानी संदेश” बताकर उन तक पहुंचाया.

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यहां तक कि वर्तमान आर्मी चीफ फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर, जब ISI चीफ के रूप में काम कर रहे थे, तब उन्होंने कथित रूप से इमरान खान को बुशरा बीबी के दखल पर चेताया था, लेकिन खान ने उनकी बात मानने के बजाय उन्हें हटा दिया.

फैसलों पर प्रभाव के चौंकाने वाले दावे

रिपोर्ट में इमरान खान के करीबी सहयोगी आव्न चौधरी का दावा है कि उन्हें इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ इसलिए आने से रोक दिया गया क्योंकि बुशरा बीबी ने “सपना” देखा था. कुछ मामलों में  इमरान खान संभावित अधिकारियों की तस्वीरें उन्हें भेजते थे, और वे “चेहरा पढ़कर” सलाह देती थीं. एक रिश्तेदार के अनुसार, बुशरा बीबी के कहने पर इमरान खान ने एक फ्लाइट चार घंटे तक टाल दी क्योंकि समय “शुभ” नहीं था.

इमरान खान की कैबिनेट के सदस्य रहे फैसल वावडा ने भी कहा कि बुशरा बीबी कई बैठकों में अत्यधिक दखल देती थीं और कुछ मौकों पर “जनरल बाजवा से ज़्यादा बात करती थीं.”

रिपोर्ट का दावा है कि ISI के कुछ अफसर बुशरा बीबी को जानकारी देते थे और वे इसे “रूहानी संकेत” बनाकर इमरान खान तक पहुंचाती थीं.

पाकिस्तान में राजनीतिक बवाल

यह रिपोर्ट सामने आने के बाद पाकिस्तान की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है. PTI ने इसे “विदेशी मीडिया का पुराना प्रोपगेंडा” बताया है और द इकोनॉमिस्ट से माफी मांगने की मांग की है. पार्टी का कहना है कि लेख में खान के निजी जीवन पर बेवजह फोकस है, जबकि “देश में मानवाधिकार हनन और अवैध ट्रायल पर कोई बात नहीं हुई.”

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वहीं सत्ताधारी PML-N के नेता इसे तथ्यों के अनुरूप बता रहे हैं. पंजाब की मंत्री अजमा बुखारी ने कहा कि लेख ने खान के “फर्जी आध्यात्मिक तंत्र” को उजागर किया है.

पत्रकार तलत हुसैन ने इसे “पावर, जादू और मनोवैज्ञानिक पकड़ पर आधारित गहरी स्टडी” बताया. वहीं हुसैन हक्कानी ने PTI पर तंज करते हुए कहा कि “अपनी तारीफ होने पर यही लोग द इकोनॉमिस्ट को सबसे बड़ा मानते थे, अब रिपोर्ट पसंद नहीं आई तो इसे बेकार बता रहे हैं.”
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