राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिटेन स्टेट विजिट के लिए पहुंचे थे. (Photo: Reuters)



अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने स्टेट विजिट के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद कहा कि वे फिलिस्तीन स्टेट को मान्यता देने के मामले में स्टार्मर से असहमत हैं. ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इस मुद्दे पर मेरी प्रधानमंत्री से असहमति है, यह वास्तव में हमारी कुछ कम असहमतियों में से एक है.”

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से दो मुद्दों पर सहमत नहीं हैं – इमिग्रेशन और एनर्जी. ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से कहा, “मैं दो बातों पर असहमत हूं. पहला, इमिग्रेशन जो ब्रिटेन के लिए बहुत मुश्किल है. दूसरा, एनर्जी.”

वहीं, स्टार्मर ने कहा कि वे और ट्रंप क्षेत्र में शांति के अंतिम लक्ष्य पर एकमत हैं. उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह सहमत हैं कि शांति और रोड मैप की आवश्यकता है, क्योंकि गाजा की स्थिति असहनीय है.”

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जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने फिलिस्तीन स्टेट को मान्यता देने के लिए ट्रंप के देश छोड़ने का इंतजार किया है, तो स्टार्मर ने स्पष्ट किया कि “मैंने जुलाई के अंत में समय को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी, जिसका इस स्टेट विजिट से कोई लेना-देना नहीं है.”

स्टार्मर ने यह भी कहा कि उन्होंने ट्रंप के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की, “जैसा कि आप उम्मीद करेंगे, दो ऐसे नेता जो एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे को पसंद करते हैं, और जो सर्वोत्तम समाधान लाने की कोशिश कर रहे हैं.”

यूएनजीए ने फिलिस्तीन स्टेटहुड के लिए दो बड़े कदम उठाए

सितंबर 2025 तक, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने फिलिस्तीन स्टेटहुड से जुड़े दो बड़े कदम उठाए हैं. मई 2024 में, महासभा ने फिलिस्तीन को अतिरिक्त अधिकार दिए और सुरक्षा परिषद से पूर्ण सदस्यता के प्रयास पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. सितंबर 2025 में, “न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन” के आधार पर दो-राज्य समाधान को भारी बहुमत से समर्थन मिला.

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अमेरिका ने यूएनजीए के प्रस्ताव का भी किया विरोध

12 सितंबर 2025 को यूएनजीए ने “न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन” को अपनाने वाले प्रस्ताव पर मतदान किया, जिसमें 142 देशों ने समर्थन किया, 10 ने विरोध किया (जिसमें अमेरिका और इजराइल शामिल थे), और 12 ने मत नहीं दिया. यह प्रस्ताव इज़राइल से सार्वजनिक रूप से दो-राज्य समाधान को मान्यता देने का आह्वान करता है, जिसमें एक संप्रभु और सक्षम फिलिस्तीनी राज्य शामिल है.
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