महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. पुणे नगर निगम (PMC) चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) में दरार पड़ गई है. यह दरार तब आई जब शरद पवार और अजित पवार की एनसीपी (NCP) ने हाथ मिलाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया. और पढ़ें
इसके जवाब में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने अब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ मिलकर एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी कर ली है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने औपचारिक रूप से शिवसेना (UBT) को गठबंधन का प्रस्ताव भेज दिया है. दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत शुक्रवार को होने वाली है. इससे पहले शिवसेना (UBT) की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) से भी गठबंधन को लेकर बातचीत हो चुकी है.
ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस–UBT–MNS का त्रिकोणीय गठबंधन पुणे में आकार ले सकता है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी आगे की रणनीति उद्धव ठाकरे और समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर तय करेगी.
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अजित पवार ने 2017 में कांग्रेस को दिया था ऑफर
2017 के नगर निगम चुनावों में, कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा था, 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन केवल 10 पार्षद पद जीतने में सफल रही. उस समय, अजित पवार ने कांग्रेस को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पार्टी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था क्योंकि वह दी जा रही सीटों की संख्या से खुश नहीं थी.
पुणे नगर निगम में 41 वार्ड और 165 पार्षदों का चुनाव होता है. पिछली बार शिवसेना (UBT) के पास 10 पार्षद थे, लेकिन अब दलबदल के चलते उद्धव ठाकरे के पास PMC में एक भी पार्षद नहीं बचा है. सात पार्षद BJP में चले गए, जबकि बाकी अलग-अलग गुटों में बंट गए.
कांग्रेस नेता मोहन जोशी ने पुष्टि की कि मुंबई में हुई कोर कमेटी की बैठक में UBT के साथ गठबंधन का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू हो चुकी है. पुणे की सियासत में यह नया समीकरण BJP और अजित पवार गुट के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
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