केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर. (Photo: ITG)



केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) नीति को शीघ्र ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा और इसे लागू किया जाएगा. आजतक द्वारा आयोजित ‘निर्माण भारत समिट 2025’ में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह नीति दिल्ली के शहरी ढांचे को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य सड़क यातायात को कम करना, बहुमंजिला इमारतों को बढ़ावा देना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अर्बन डेवलपमेंट के साथ इंटीग्रेट करके किफायती आवास को बढ़ावा देना है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क का व्यापक विस्तार इस नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह विस्तार न केवल सड़कों पर भीड़ को कम करेगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन की क्षमता को भी बढ़ाएगा. 

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ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति के तहत मेट्रो स्टेशनों के आसपास बहुमंजिला आवासीय और मिश्रित उपयोग की परियोजनाएं विकसित की जाएंगी. इन परियोजनाओं में आवासीय फ्लैट, दुकानें, कार्यालय और अन्य सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी, जिससे शहरी स्थान का कुशल उपयोग होगा और लोगों को अपने घरों से कार्यस्थल तक पहुंचने में आसानी होगी. खट्टर ने जोर देकर कहा कि यह नीति दिल्लीवासियों के लिए किफायती आवास के अवसर बढ़ाएगी.

मेट्रो स्टेशनों के नजदीक बने ये प्रोजेक्ट न केवल समय और धन की बचत करेंगे, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे. कम वाहन उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और ग्रीन सिटी की दिशा में कदम बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि TOD नीति दिल्ली को एक आधुनिक, सुविधाजनक और टिकाऊ शहर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी. यह नीति दिल्ली के अर्बन प्लानिंग को नई दिशा देगी, जिससे नागरिकों का जीवन स्तर सुधरेगा और शहर का ट्रैफिक मैनेजमेंट अधिक प्रभावी होगा.
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