पुलिस ने रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल के पास हुई लूट का पर्दाफाश किया. (Photo: Representational)



दिल्ली के रोहिणी इलाके में 28 सितंबर को जयपुर गोल्डन अस्पताल के पास दिनदहाड़े हुई 8 लाख की डकैती का खुलासा हो गया है. पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मास्टरमाइंड अश्वनी उर्फ आशु ने नकदी लेन-देन की जानकारी जुटाकर पूरी साजिश रची थी. पुलिस ने उनके पास से 6.22 लाख रुपए भी बरामद किए हैं.

ये वारदात उस वक्त हुई जब डिलीवरी स्टाफ आदर्श श्रीवास्तव 8 लाख रुपए लेकर अपने नियोक्ता के पास जा रहा था. जयपुर गोल्डन अस्पताल के पास आरोपियों ने चाकू की नोक पर उसे रोक लिया. उससे नकदी छीनकर वहां से फरार हो गए. इस घटना के बाद दक्षिण रोहिणी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों की पहचान अश्वनी उर्फ आशु (22), गौतम उर्फ भूरा (22), भरत किराड़ (22) और हितेश पवार उर्फ हित्तू (22) के रूप में हुई है. ये चारों लंबे वक्त से आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे. पुलिस ने जांच के दौरान 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाला. इसके साथ ही स्थानीय नेटवर्क से जानकारी जुटाई गई. 

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इसी बीच एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और 30 सितंबर को रोहिणी के जापानी पार्क के पास भरत और हितेश को दबोच लिया. दोनों से पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर बाकी दो आरोपी, अश्वनी और गौतम, 3 अक्टूबर को मुकरबा चौक से पकड़े गए. पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी की गई रकम में से 6.22 लाख बरामद कर लिए हैं. 

पुलिस जांच में सामने आया कि अश्वनी इस डकैती का मास्टरमाइंड था. उसे अस्पताल के पास नकदी लेन-देन की जानकारी मिली थी. इसके बाद उसने अपने साथियों को इकट्ठा किया, हथियार की व्यवस्था की और लूट के बाद पैसे बांटने की योजना बनाई. लूट के बाद आरोपी अलग-अलग दिशाओं में भाग गए. मंगोलपुर कलां के पास एक पार्क में मिलकर पैसे बांट लिए. 

इनमें से दो आरोपी उत्तराखंड निकल गए. जांच में यह भी पता चला कि चारों आरोपी पढ़ाई छोड़ने के बाद नशे की लत में डूबे रहते थे. बेरोजगारी और आर्थिक तंगी ने उन्हें अपराधी बना दिया. वे डकैती से मिले पैसों से ड्रग्स और शराब की लत पूरी करते थे. पुलिस ने चारों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.
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