बिहार की सियासी जमीन दो साल तक मथने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने क्या अपनी सीट फाइनल कर ली है? पीके ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर मैं भी चुनाव लडूंगा. इसके साथ ही बिहार तक कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि अगर वो चुनाव लड़ेंगे तो अपनी जन्मभूमि या फिर कर्मभूमि से. इस तरह पीके ने इशारों-इशारों में जिस सीट से चुनाव लड़ना है, उसके संकेत दे दिए हैं?
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर बिहार की सभी 243 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन खुद किस सीट से किस्मत आजमाएंगे, इसका पत्ता नहीं खोल रहे हैं. ऐसे में लगातार सवाल उठ रहे हैं कि प्रशांत किशोर 2025 के चुनाव में पार्टी का चेहरा ही रहेंगे या फिर सियासी मैदान में उतरकर ताल भी ठोकेंगे.
प्रशांत किशोर से जब चुनाव लड़ने का सवाल किया गया तो उन्होंने नीतीश कुमार के पाले में गेंद डाल दी. उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि अगर सीएम नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर मैं भी चुनाव लड़ूंगा. इस तरह से सवाल उठता है कि नीतीश अगर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो क्या पीके उनके सामने लड़ेंगे या फिर किसी अन्य सीट से किस्मत आजमाएंगे?
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प्रशांत किशोर किस सीट से लड़ेंगे चुनाव?
जन सुराज पार्टी के चेहरा माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि उनके चुनाव लड़ने का फैसला उनकी पार्टी करेगी. “हम पार्टी के ऊपर नहीं हैं”. “नीतीश कुमार अगर चुनाव लड़ते हैं तो मैं चुनाव जरूर लडूंगा”. नीतीश कुमार 20 साल से खुद चुनाव लड़ना बंद कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव के खिलाफ हमारी पार्टी कहती है तो हम चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा दूसरों के खिलाफ लड़ने का क्या फायदा.
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं खुद लोगों से कहता हूं कि दो जगह से चुनाव लड़ना चाहिए. अगर चुनाव लड़ना पड़ेगा तो मैं अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से चुनाव लडूंगा. पीके ने कहा कि जन्मभूमि के हिसाब से तो मुझे सासाराम से लड़ना चाहिए या फिर करगहर से लड़ना चाहिए. अगर कर्मभूमि के हिसाब से देखें तो बिहार की कर्मभूमि तो राघोपुर ही होना चाहिए. प्रशांत किशोर जिस भी सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे तो वह वीआईपी सीट में तब्दील हो जाएगी.
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