राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास को चेतावनी देते हुए बंधकों को रिहा करने को कहा है. (Photo: Reuters)



इज़रायली सेना ने कथित तौर पर सोमवार को गाजा शहर पर कब्ज़ा करने के लिए ज़मीनी हमला शुरू कर दिया है. नेतन्याहू सरकार के मुताबिक, इसका मकसद  हमास को जड़ से उखाड़ फेंकना है. Axios के मुताबिक, घंटों चले भारी हवाई हमलों के बाद टैंक गाजा शहर में घुस गए और रिहायशी इमारतें ध्वस्त कर दी गईं और नागरिक शेल्टर्स क्षतिग्रस्त कर दिए गए.

आईडीएफ ने बार-बार गाजा के नागरिकों को दक्षिण की तरफ ‘मानवीय क्षेत्रों’ में जाने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि हाल के हफ़्तों में करीब 3 लाख फ़िलिस्तीनी गाजा शहर से भाग गए हैं, लेकिन लाखों लोग अभी भी युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे हुए हैं.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर में पिछले हफ्ते हुए हमले के बाद हमास नेताओं पर आगे और हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है, उन्होंने कहा कि वे जहां कहीं भी हों, उन्हें छूट नहीं मिलेगी.

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‘हमास बंधकों को रिहा करके…’

हालांकि, इजरायल के टॉप सुरक्षा प्रमुखों ने कथित तौर पर उन्हें गाजा शहर में प्रवेश न करने की सलाह दी थी, और चेतावनी दी थी कि इससे बंधकों को खतरा हो सकता है, बड़ी संख्या में इज़रायली हताहत हो सकते हैं और सैन्य शासन लागू हो सकता है.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि हमास बंधकों को रिहा करके और आत्मसमर्पण करके जंग खत्म कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमें इस संभावना के लिए तैयार रहना होगा कि ऐसा नहीं होने वाला है.

हमास को ट्रंप की चेतावनी…

ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि हमास ने इज़रायल के ज़मीनी हमले के ख़िलाफ़ मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए 20 बंधकों को ज़मीन से ऊपर ले जाया है.

ट्रंप ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमास के नेताओं को पता होगा कि अगर वे ऐसा कुछ करते हैं तो उन्हें क्या करना होगा. यह एक मानवीय अत्याचार है, जैसा पहले बहुत कम लोगों ने देखा होगा. ऐसा न होने दें, वरना सारी बातें बेकार हैं. सभी बंधकों को तुरंत रिहा करें!”

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नेतन्याहू ने ट्रंप को हमास के खिलाफ इज़रायल की लड़ाई और हमारे सभी बंधकों की रिहाई के लिए उनके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है. हमास द्वारा नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष के बाद से करीब 65 हजार फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे कुछ अधिकार समूहों ने भी इज़रायल पर नरसंहार का आरोप लगाया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र पर नहीं. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने अतीत में कहा है कि नरसंहार का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों पर निर्भर करता है.

इजरायल ने इस आरोप को खारिज करते हुए 7 अक्टूबर, 2023 को हमास लड़ाकों द्वारा किए गए हमले के बाद आत्मरक्षा के अपने अधिकार का हवाला दिया है, जिसमें इजरायली आंकड़ों के मुताबिक 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधकों को पकड़ लिया गया था.
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