कांगो के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित एक तांबे की खान में एक बड़ा हादसा हो गया, जहां एक पुल टूटने से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई. यह इस साल कांगो के सबसे भीषण खनन हादसों में से एक है. और पढ़ें
घटना लुआलाबा प्रांत के कालांडो साइट पर हुई, जहां रोज बड़ी संख्या में खनिक काम करने पहुंचते हैं. कांगो की आर्टिसनल माइनिंग एजेंसी SAEMAPE ने बताया कि प्रारंभिक आंकड़े अधिक थे. 49 मौतों का दावा किया गया था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने 32 मौतों की पुष्टि की है. करीब 20 लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.
एजेंसी के अनुसार, हादसा तब हुआ जब साइट की सुरक्षा में तैनात सैन्य कर्मियों की ओर से कथित तौर पर गोलीबारी की आवाज सुनकर खनिकों में अफरा-तफरी मच गई. घबराए हुए खनिक एक संकरे पुल पर एक साथ चढ़ गए, जिससे पुल उनका वजन सहन न कर पाया और अचानक ध्वस्त हो गया.
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बढ़ सकता है आंकड़ा
SAEMAPE ने अपने बयान में कहा, “खनिक एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे कई लोगों की मौत और गंभीर चोटें आईं हैं.” ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन इनिशिएटिव ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है, विशेषकर सेना की भूमिका और गोलीबारी की रिपोर्टों पर सवाल उठाते हुए.
लुआलाबा के प्रांतीय आंतरिक मंत्री रॉय काउम्बा ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है और मृतकों की अंतिम संख्या की पुष्टि की जा रही है.
कांगो की खनन साइट्स में सुरक्षा का बड़ा संकट
कांगो में आर्टिसनल माइनिंग लाखों लोगों के लिए जीवनयापन का प्रमुख साधन है, लेकिन यहां सुरक्षा बेहद कमजोर मानी जाती है. अपर्याप्त उपकरण, बिना नियमन वाली साइट्स और अस्थिर ढांचों के कारण हर साल बड़ी संख्या में मौतें होती हैं.
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों के पालन की कमी और निगरानी की ढिलाई मजदूरों को लगातार मौत के खतरे में डालती है और पुल दुर्घटना इसका एक दर्दनाक उदाहरण है.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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